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SCBAPP-Hindi

सुभाषचंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार विजेता :-

 

8वीं बटालियन एन.डी.आर.एफ

Sh. P. K. Tiwari, Commandant

श्री पी के तिवारी, कमांडेंट, 8वीं बटालियन एन.डी.आर.एफ

अत्यधिक विशेष बचाव एवं प्रतिक्रिया बल या 8वीं बटालियन एन.डी.आर.एफ. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, उत्तराखण्ड, पंश्चिम यूपी और हरियाणा क्षेत्रों को बड़े पैमाने पर कवर करता है। उन्हांने वर्ष 2009 से 2018 तक 310 से अधिक आपदा बचाव अभियान करते हुए 41465 लोगों को बचाया है। इसके अलावा, उन्होंने 10 लाख लोगों को क्षमता निर्माण, जागरूकता और प्रशिक्षण के माध्यम से आपदा-रोधी सामुदायिक कार्यक्रम को सक्षम बनाने में वृहत योगदान दिया है। एन.डी.आर.एफ. की 8वीं बटालियनके सराहनीय योगदान के लिए उन्हे सुभाषचंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार (2019) से सम्मानित किया गया हैं।

 

श्री कुमार मुन्नान सिंह

K M Singh

पूर्व-डीजी सी.आई.एस.एफ.एवं सेवानिवृत्त आई.पी.एस.अधिकारी श्री मुन्नान सिंह 2005 से एन.डी.एम.ए के अग्रणी सदस्य रहे हैै।उन्होंने एन.डी.आर.एफ

3 स्तरीय आपदा प्रतिक्रिया तंत्र के निर्माण की नींव रखी हैएवंराज्योंमेंएस.डी.आर.एफ को बढ़ावा देने और आपदा प्रबंधन के सभी चरणों में नागरिक सुरक्षा द्वारा सक्रिय भागीदारी के विचार को प्रतिपादित किया है। श्री के.एम. सिंह को आपदा प्रबंधन में उनके उल्लेखनीय कार्य के लिए सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार (2020) से सम्मानित किया गया है।

 

आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केन्द्र उत्तराखण्ड

Shri S A Murugesan

श्री एस  ए  मुरुगेसन, सचिव, आपदा प्रबंधन उत्तराखंड 

2000  में स्थापित आपदा न्यूनीकरण और प्रबंधन केन्द्र, उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के कार्यों का भी निर्वहन करता है। डी.एम.एम.सी.कापरिवर्तनात्मक कार्य आपदा के पूर्व तैयारी और क्षमता निर्माण से लेकर आपदा बाद की प्रतिक्रिया पर केन्द्रित है। डी.एम.एम.सी. कार्यशालाओं के माध्यम से राज्य सरकार के विभागों के बीच उभरती प्रौद्योगिकियों और तकनीकों के प्रसार के लिए डी.आर.आर. के क्षेत्र में काम कर रहे विभिन्न वैज्ञानिक और शैक्षणिक संस्थानों के साथ बातचीत सुनिश्चित करता है। डी.एम.एम.सी. केउल्लेखनीय कार्यो के लिए उन्हे सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार (2020)  सम्मानित किया गया है।

 

श्री राजेन्द्र कुमार भंडारी

R K Bhandari

आपदा न्यूनीकरण पर इंडियन नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग फोरम के अघ्यक्ष श्री राजेन्द्र कुमार भंडारी ने भारत में geo-hazards  और भूस्खलन पर वैज्ञानिक अध्ययन की नींव रखी। उन्हें सी.एस.आई.आर.-सी.बी.आर.आई. में भूस्खलन अध्ययन पर भारत की पहली प्रयोगशाला स्थापित करने का श्रेय दिया जाता है ।श्री भंडारीजी ने बी.एम.टी.पी.सी. द्वारा प्रकाशित अनड्रेन लोडिंग ट्रिगर लैण्डस्लाइड और दी फर्स्ट लैण्डस्लाइड हजार्ड एटलस ऑफ इंडिया के अध्ययन में भी योगदान दिया है। उनके उत्कृष्ट कार्यो के लिए उन्हें सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार (2021) से सम्मानित किया जा रहा है।

 

सस्टेनएबल एनवायरनमेंट एण्ड इकोलॉजिकल डिवलपमेंट सोसाइटी(सीड्स)

Dr. Anshu Sharma, Secretary

डॉ  अंशु शर्मा, सचिव, (सीड्स)

सस्टेनएबल एनवायरनमेंट एंड इकोलॉजिकल डेवलपमेंट सोसाइटी (सीड्स) पिछले 28 वर्षों से आपदाओं और जलवायु परिवर्तन केे प्रभावों के प्रति संवेदनशील लोगों की समुत्थानशक्ति (रिजिलेंस) निर्माण के लक्ष्य की दिशामें काम कर रही है। इन वर्षों के दौरान, सीड्स ने 35 से अधिक इर्मजेंसी रिस्पॉस किये हैं और 30 लाख से अधिक लोगों के जीवन को सुरक्षित किया है।

सीड्स को भारत के विभिन्न राज्यों में स्थानीय ज्ञान के साथ प्रौद्योगिकी से स्थानीय क्षमताओं का निर्माण, और सामुदायिक स्तर पर जोखिमों को कम करते हुए व्यावहारिक समाधान के प्रावधान के माध्यम से मानवीय क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार (2021) से सम्मानित किया जा रहा है।

 

प्रो. विनोद कुमार शर्मा

Prof V K Sharma
प्रो. विनोद कुमार शर्मा, भारतीय लोक प्रशासन संस्थान के वरिष्ठ प्रोफेसर और सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन केन्द्र के संस्थापक समन्वयक थे, जिसे अब राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान के रूप में जाना जाता है। उन्होंने डी.आर.आर. को राष्ट्रीय एजेंडे में सबसे आगे लाने की दिशा में अथक प्रयास किया है। भारत में डी.आर.आर में उनके अग्रणी कार्य ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई और वे आपदा प्रबंधन में एल.बी.एस.एन.ए.ए. और सभी ATIs के लिए एक रिसोर्स पर्सन है। सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन के उपाध्यक्ष के रूप में, उन्होंने जलवायु परिवर्तन और डीआरआर को जोड़ने वाली पंचायत स्तर की तैयारी योजनाओ की शुरुआत करते हुए सिक्किम को डीआरआर लागू करने में एक आदर्श राज्य बनाया है। प्रोफेसर विनोद कुमार शर्मा को उनके उल्लेखनीय कार्य के लिए सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार (2022) से सम्मानित किया जा रहा हैै।

 

गुजरात आपदा प्रबंधन संस्थान

PK Taneja

श्री पी के तनेजा, महानिदेशक, (जी.आई.डी.एम)


2012 में स्थापित, गुजरात आपदा प्रबंधन (जी.आई.डी.एम) गुजरात की डीआरआर क्षमता को बढ़ाने के लिए काम कर रहा है। रणनीतिक रूप से डिजाइन किए गए क्षमताा निर्माण कार्यक्रमों की एक श्रंखला के माध्यम से, जीआईडीएम ने महामारी के दौरान बहु-प्रकोप जोखिम प्रबंधन और कमी से संबंधित विविध मुद्दों पर 12,000 से अधिक पेशेवरों को प्रशिक्षित किया है। कुछ हालिया प्रमुख पहलों में एक उपयोगकर्ता के अनुकूल गजरात अग्नि सुरक्षा अनुपालन पोर्टल का विकास, और एकीकृत रोग निगरानी परियोजना कोविड-19 प्रयासों के पूरक के लिए मोबाइल ऐप प्रौद्योगिकी आधारित उन्नत कोविड-19 सिंड्रोमिक निगरानी (ए.सी.एसवाइ.एस) प्रणाली का विकास शामिल है। जी.आई.डी.एम को उनके सराहनीय योगदान के लिए सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कारर (2022) से सम्मानित किया गया है।