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रासायनिक: क्या करें, क्या न करें

रायायनिक (औद्योगिक) दुर्घटनाओं के दौरान तथा बाद में रखी जाने वाली सावधानियां:-

  • घबराएं नहीं, षांति से दुर्घटना स्थल से बाहर आएं तथा तय किए गए बाहर निकलने के रास्ते के द्वारा हवा की दिषा के लंबवत् चलें।
  • बाहर निकलने के दौरान चेहरे को गीले रूमाल अथवा कपड़े/साड़ी से ढक लें।
  • बीमार, बुजुर्ग, कमजोर, विकलांग तथा अन्य लोगों जो बाहर निकलने में असमर्थ हों] उनको घर के अंदर ही रखें तथा सभी दरवाजों तथा खिड़कियों को अच्छी तरह बंद कर दें।
  • हवा में खुला रखा हुआ बिना ढका खाना/पानी आदि को ग्रहण न करें] केवल बोतल से ही पानी पीएं।
  • सुरक्षित स्थान/षरण-स्थल पर पहुंचने के बाद कपड़े बदल लें और हाथों को अच्छी तरह धोएं।
  • सुरक्षित स्थान पर पहुंच कर क्रमषः 101, 100 तथा 108 नंबर पर फोन करके अग्नि षमन नियंत्रण केंद्र तथा आपातकालीन सेवाओं, पुलिस तथा चिकित्सा सेवाओं को सूचित करें।
  • संयंत्र/कारखाने के पीए (जन समाधान) तंत्र, स्थानीय रेडियो/टीवी चैनलों को जिला प्रषासन/अग्नि षमन केंद्र/चिकित्सा/पुलिस तथा अन्य संबंधित प्राधिकरणों की सलाह लेने के लिए सुनें।
  • सरकारी कर्मचारियों को सही तथा सटीक जानकारी दें।
  • जन-एकत्रण स्थल (जैसे स्कूल, शॉपिंग सेंटरों, थिएटर आदि) पर घटना के होने के बारे में दूसरों को बताएं।
  • अफवाहों पर ध्यान न दें तथा अफवाहों को नहीं फैलाएं।

सामान्य समय के दौरान बरते जाने वाली आगामी सावधानियां

  • चिह्नित खतरनाक इलाके में धूम्रपान न करें, आग अथवा चिंगारी (स्पार्क) न भड़काएं।
  • औद्योगिक इकाइयों के पास रहने वाले समुदाय को इसके बारे में जागृत करें तथा उनको औद्योगिक इकाइयों तथा उससे जुड़े जोखिमों की प्रकृति के बारे में अधिक सतर्क रहना चाहिए।
  • आपातकालीन उपयोग के लिए निकटतम खतरनाक रासायनिक उद्योग, फायर स्टेषन, पुलिस थानों, नियंत्रण कक्ष, स्वास्थ्य चिकित्सा सेवाओं तथा जिला नियंत्रण कक्ष के संपर्क नंबरों को अपने पास रखें।
  • खतरनाक रसायनों का निर्माण करने वाले अथवा उनकी प्रोसेसिंग करने वाले उद्योगों के पास मकान न बनाएं, यदि संभव हो।
  • सरकारी/स्वैच्छिक संगठन/औद्योगिक इकाइयों द्वारा आयोजित सभी क्षमता निर्माण कार्यक्रमों में भाग लेना।
  • समुदाय हेतु आपदा प्रबंधन योजना तैयार करने की प्रक्रिया में भाग लेना, सुरक्षित तथा सुगम पहुंच मार्ग वाले सुरक्षित षरण-स्थल की पहचान करना।
  • एक पारिवारिक आपदा प्रबंधन योजना तैयार करना तथा इसे सभी पारिवारिक सदस्यों को स्पश्ट करना।
  • विभिन्न विशैले/खतरनाक रसायनों की बुनियादी विषेशताओं के बारे में अपने परिवार/पड़ोसियों को सतर्क करना तथा उनके उपचार के लिए जरूरी प्राथमिक सहायता के बारे में बताना।
  • आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त संख्या में वैयक्तिक संरक्षण उपकरणों (पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट्स) को उपलब्ध कराया जाना आवष्यक है।
  • दवा, दस्तावेज तथा कीमती रसायनों समेत घर में रखी आवष्यक मदांे तथा वस्तुओं का एक आपातकालीन थैला (इमरजेंसी किट) तैयार करना।